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अटल बिहारी वाजपेयी: एक महान राजनीतिज्ञ और भारत रत्न |
भारत के इतिहास में कई ऐसे नेता हुए हैं जिन्होंने अपने विचारों, भाषणों और कर्मों से देश की जनता के दिलों में जगह बनाई। उन्हीं में से एक नाम है अटल बिहारी वाजपेयी। वे न केवल एक राजनेता थे बल्कि एक महान कवि, विचारक और देशभक्त भी थे। अटल जी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और उन्होंने तीन बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व किया।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
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अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। उनके पिता का नाम कृष्ण बिहारी वाजपेयी था, जो एक शिक्षक और संस्कृत के ज्ञाता थे। अटल जी की प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर से हुई और उन्होंने राजनीति शास्त्र से एम.ए. की डिग्री कानपुर के डीएवी कॉलेज से प्राप्त की।
राजनीतिक जीवन की शुरुआत
अटल जी का राजनीतिक जीवन स्वतंत्रता संग्राम से ही शुरू हो गया था। वे शुरू में आरएसएस से जुड़े और फिर भारतीय जनसंघ में शामिल हुए। 1957 में वे पहली बार लोकसभा के सदस्य बने। उनकी भाषण शैली, स्पष्ट दृष्टिकोण और देशहित की भावना ने उन्हें एक प्रभावशाली नेता बना दिया।
प्रधानमंत्री के रूप में योगदान
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अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन बार प्रधानमंत्री पद संभाला – पहली बार 1996 में सिर्फ 13 दिनों के लिए, दूसरी बार 1998 से 1999 तक, और फिर 1999 से 2004 तक पूर्ण कार्यकाल के लिए। उनके कार्यकाल में भारत ने "पोखरण परमाणु परीक्षण" किया, जिसने भारत को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाई। उन्होंने सड़क विकास योजना "गोल्डन क्वाड्रिलैटरल प्रोजेक्ट" शुरू की, जिससे देशभर में संपर्क और व्यापार में क्रांतिकारी बदलाव आया।
कवि और लेखक
राजनीति के अलावा अटल जी एक संवेदनशील कवि भी थे। उनकी कविताएं देशभक्ति, मानवता और समाज के प्रति उनकी सोच को दर्शाती हैं। उनकी कुछ प्रसिद्ध कविताएं हैं – "हार नहीं मानूंगा", "गीत नया गाता हूं" आदि। उनकी रचनाओं में गहराई और प्रेरणा का भाव स्पष्ट नजर आता है।
सम्मान और पुरस्कार
उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें "भारत रत्न" से सम्मानित किया। इसके अलावा उन्हें कई अन्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले।
निधन
अटल बिहारी वाजपेयी का निधन "16 अगस्त 2018" को हुआ। उनके निधन पर पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। वे आज भी अपने विचारों, कार्यों और सरल व्यक्तित्व के लिए याद किए जाते हैं।
निष्कर्ष: अटल बिहारी वाजपेयी एक ऐसे नेता थे जिन्होंने न सिर्फ राजनीति में बल्कि आम जनता के दिलों में भी अमिट छाप छोड़ी। उनका जीवन, संघर्ष और समर्पण आज के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। वे सच्चे अर्थों में "जन-जन के नेता" थे।
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