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इंद्रधनुष कैसे बनता है – Rainbow बनने की वैज्ञानिक प्रक्रिया |
इंद्रधनुष (Rainbow) एक प्राकृतिक दृश्य है जो हमें अक्सर वर्षा के बाद आकाश में दिखाई देता है। यह रंग-बिरंगी आकृति न केवल देखने में सुंदर लगती है बल्कि इसके बनने के पीछे एक वैज्ञानिक कारण भी होता है। आइए विस्तार से जानें कि इंद्रधनुष कैसे बनता है।
इंद्रधनुष कैसे बनता है? (Rainbow Formation Process)
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इंद्रधनुष बनने की आवश्यक स्थितियाँ: जब वर्षा होती है और सूर्य की किरणें पीछे से जल की बूंदों पर पड़ती हैं, तब इंद्रधनुष दिखाई देता है।
इंद्रधनुष बनने की प्रक्रिया तीन मुख्य चरणों में होती है:
विक्षेपण (Refraction):द्रधनुष बनने के लिए तीन मुख्य शर्तें होती हैं:
1.वर्षा का होना
2.सूरज की रोशनी
3.देखने वाले की स्थिति – सूर्य को पीठ की ओर होना चाहिए।
इंद्रधनुष बनने की वैज्ञानिक प्रक्रिया - Rainbow Kaise Banta hai?
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इंद्रधनुष बनने की प्रक्रिया तीन मुख्य चरणों में होती है:
1. विक्षेपण (Refraction): जब सूर्य की किरणें बारिश की छोटी-छोटी बूंदों में प्रवेश करती हैं, तब वे वायु से जल में प्रवेश करते हुए मुड़ जाती हैं। इस प्रक्रिया को अपवर्तन या Refraction कहा जाता है।
2. परावर्तन (Reflection): किरणें जल की बूंद के अंदर पहुँचकर उसकी अंदरूनी सतह से टकराकर परावर्तित हो जाती हैं यानी वापस मुड़ती हैं।
3. विक्षेपण और वर्ण विकिरण (Dispersion): जब ये किरणें जल की बूंदों से बाहर आती हैं, तो वे फिर से मुड़ती हैं और साथ ही सात अलग-अलग रंगों में विभाजित हो जाती हैं। यही सात रंग मिलकर इंद्रधनुष बनाते हैं।
इंद्रधनुष के रंग कौन-कौन से होते हैं? Colour of Rainbow
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इंद्रधनुष में कुल 7 रंग होते हैं जो इस क्रम में होते हैं लाल (Red) नारंगी (Orange) पीला (Yellow) हरा (Green) नीला (Blue) जामुनी (Indigo) बैंगनी (Violet) इन रंगों को याद रखने के लिए अंग्रेजी में "VIBGYOR" शब्द का उपयोग किया जाता है।
हमें इंद्रधनुष कब और कहाँ दिखाई देता है?
इंद्रधनुष हमें तब दिखाई देता है जब आकाश में एक ओर हल्की वर्षा हो रही हो और दूसरी ओर सूर्य चमक रहा हो। यह आमतौर पर सुबह या शाम के समय अधिक स्पष्ट दिखाई देता है। इंद्रधनुष हमेशा सूर्य के विपरीत दिशा में दिखाई देता है।
निष्कर्ष (Conclusion): इंद्रधनुष कैसे बनता है – यह जानने के बाद हम कह सकते हैं कि यह केवल एक प्राकृतिक सौंदर्य नहीं, बल्कि प्रकाश की विज्ञान के नियमों का अद्भुत उदाहरण है। वर्षा की बूँदें और सूर्य का प्रकाश मिलकर जब यह दृश्य उत्पन्न करते हैं, तो आकाश एक जीवंत चित्रकला जैसा प्रतीत होता है।
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